गुना | पशुओं के आहार के रूप में उपयोग में लाने वाले समस्त प्रकार के चारे/ घास, भूसा एवं पशुओं के द्वारा खाये जाने वाले अन्य किस्म के चारे पर जिले की राजस्व सीमा के बाहर निर्यात प्रतिबंधित करने के आदेश जारी किए गए हैं।
उप संचालक, पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा अपने प्रतिवेदन के माध्यम से अवगत कराया गया है कि जिले में वर्तमान में रबी की फसल की कटाई का कार्य प्रारंभ हो चुका है, जिसके उपरांत चारे/ भूसे की उपलब्धता पशुधन के लिये बनाये रखना आवश्यक है। म.प्र. राज्य के जिलों को छोड़कर अन्य राज्यों के जिलों में भूसे के परिवहन तथा ईट भट्टों के ईधन के रूप में चारे/ भूसे का उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित किये जाने का अनुरोध किया गया है।
जारी आदेश अनुसार कोई भी कृषक, व्यापारी, व्यक्ति, निर्यातक किसी भी प्रकार के पशुचारे का किसी भी वाहन, मोटर रेल, यान अथवा पैदल जिले के बाहर कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी की अनुज्ञा-पत्र के निर्यात नहीं करेगा। शासकीय उपयोग के लिये भूसा एवं पशुचारे का परिवहन संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अनुमति से किया जावेगा। उक्त आदेश का उल्लंघन करने पर सम्बंधित के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के अन्तर्गत वैधानिक दाण्डिक कार्यवाही की जावेगी। जारी आदेश तत्काल प्रभाव से लागू करते हुए आगामी आदेश तक प्रभावशील रहेगा।