धरनावदा पुलिस कार्यवाही
गुना पुलिस द्वारा जिले में विभिन्न प्रकार की अवैध अथवा अनैतिक गतिविधियों में संलिप्त माफियाओं के विरुद्ध निरंतर कार्यवाहियां की जा रही हैं । इसी क्रम मे धरनावदा पुलिस द्वारा गत् शाम मुखबिर सूचना पर त्वरित कार्यवाही करते हुए गौवंश से भरे एक कंटेनर को पकड़कर गौकशी हेतु लेकर जा रहे 31 नग गौवंश आजाद कराये गये है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गत् दिनांक 05 मार्च 2024 की शाम को जिले के धरनावदा थाना पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि अवैध गौवंश से भरा आयशर कंपनी का एक कंटेनर क्रमांक RJ11 GS 7629 गुना तरफ से इंदौर की ओर जा रहा है । अवैध पशु परिवहन की इस सूचना के मिलते ही धरनावदा थाने से पुलिस एक टीम तत्काल रूठियाई हाईवे पर गौरा की पुलिया पर पहुंची और उक्त कंटेनर के आने का इंतजार किया, जहां कुछ ही देर बाद गुना तरफ से उक्त कंटेनर आता दिखा, लेकिन कंटेनर के चालक द्वारा पुलिस को देखते ही पुलिस से कुछ दूर पहले ही कंटेनर को रोक लिया और कंटेनर से एक बाद एक कुल चार लोग नीचे उतरे और जिन्होंने दौड़ लगाकर वहां से भागना चाहा, लेकिन पुलिस फोर्स द्वारा जिनका पीछाकर वमुश्किल चारों को दबोच लिया गया, जिन्होंने पूछताछ पर अपने नाम 1-असफाक पुत्र बदरूद्दीन कुर्रेशी उम्र 37 साल, 2-सलमान पुत्र हमीद अब्बासी उम्र 30 साल, 3- बब्लू पुत्र सुल्तान कुर्रेशी उम्र 31 साल निवासीगण कोशीकला जिला मथुरा उ0प्र0 एवं 4-मुस्ताक पुत्र मुंशी खांन उम्र 36 साल निवासी ग्राम रूनकता थाना सिकंदरा जिला आगरा उ0प्र0 के होना बताए । पुलिस द्वारा कंटेनर को चैक करने पर उसमें बडे ही क्रूरता पूर्वक एवं ठूंस-ठूंसकर कुल 31 नग गाय के बछड़े भरे हुये पाये गये, जिन्हें पुलिस द्वारा आजाद कराकर सकुशल बनेह गौशाला भिजवाया गया एवं अवैध पशु परिवहन में प्रयुक्त कंटेनर कीमती 30 लाख रूपये को विधिवत जप्त कर अवैध पशु परिवहन में संलिप्त चारों आरोपियों के विरूद्ध धरनावदा थाने में अप.क्र. 48/24 धारा पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम की धारा 11, म.प्र. गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम की धारा 4, 6, 9 एवं मोटरयान अधिनियम की धारा 66, 192 के तहत अपराध दर्ज कर वैधानिक कार्यवाही की गई ।
धरनावदा थाना पुलिस की इस कार्यवाही में थाना प्रभारी उपनिरीक्षक राजेन्द्र सिंह चौहान, सउनि राजेश भिलाला, साउनि शिवनंदन सिंह भदौरिया, प्रधान आरक्षक देवेन्द्रपाल सिंह सिकरवार, आरक्षक कपिल ओझा, आरक्षक अनुज गुर्जर, आरक्षक प्रदुम्न गुर्जर, आरक्षक सोनू जाटव एवं आरक्षक आदित्य टुण्डेले की महत्वपूर्ण भूमिका रही है ।