गुना |कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस की अध्यक्षता में जिला गोपालन एवं पशु संवर्धन समिति गुना की बैठक जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित की गयी।
बैठक के दौरान विगत बैठक के पालन प्रतिवेदन पर चर्चा की गयी और बैठक के एजेण्डा अनुसार जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अन्य मार्गो में विचरण कर रहे आवारा गौवंशों की समस्या का निराकरण, जिले के बाहर भूसे के अवैध परिवहन करने पर प्रतिबंध, जिले की शासकीय एवं निजी पंजीकृत गौशाला में उपलब्ध गौवंश की संख्या को गौ-संवर्धन बोर्ड भोपाल भेजे जाने हेतु अनुमोदन पर चर्चा, वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में गौशालाओं को प्रदाय की गई चारा, भूसा अनुदान की राशि की कार्योत्तर स्वीकृति पर चर्चा एवं जिले की शासकीय गौशालाएं जिनका संचालन महिला स्वंय सहायता समूहों के द्वारा किया जा रहा है कि कार्योत्तर स्वीकृति आदि पर बिंदुवार चर्चा की गयी।
जिले की सभी शासकीय एवं अशासकीय गौशालाओं का कराया जाये भौतिक सत्यापन – कलेक्टर
बैठक के दौरान कलेक्टर द्वारा विभिन्न गोशाला संचालकों से परिचय प्राप्त किया और उनके गौशालाओं से संबंधित समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। इस दौरान कलेक्टर द्वारा उप संचालक पशु चिकित्सा को निर्देशित किया गया कि जिले की सभी शासकीय एवं अशासकीय गौशालाओं का भौतिक सत्यापन कराया जावे। इस दौरान जो भी मूलभूत समस्याएं हैं, उनको चिन्हित कर सूचीबद्ध किया जावे। इसी प्रकार जिले में अवैध भूसे के परिवहन पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में निर्देश दिये गये। इसी प्रकार ऐसी गौशालाएं जहां पर गौवंश की संख्या जीरो अथवा कम है, उनमें पशुधन रखने के लिए कार्यवाही की जावे। बैठक के दौरान पाया गया कि कुड़का, कैकड़ीवीरान एवं बरवन में गौवंश की संख्या जीरो है तथा मुरैला में भी गौशाला को हेण्डओवर की कार्यवाही लंबित है, इस पर त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
बैठक के दौरान कलेक्टर द्वारा निर्देशित किया गया कि अगर किसी शासकीय गौशाला में कहीं अनियमितता पायी जाती है तो उस समूह/ समिति को तत्काल हटाने की कार्यवाही की जावे और उसका कार्योत्तर अनुमोदन समिति में लिया जावे।
बैठक के दौरान गौशाला संचालकों से प्राप्त किये गये सुझाव
बैठक के दौरान गौशाला संचालक द्वारा सुझाव दिया गया कि जिले की गौशाला के लिए चरनोई भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया जावे। इसी प्रकार श्रीराम गौशाला भुलाय में 20 तरह के प्रोडक्ट तैयार किये जाते हैं। जिसमें प्रमुख रूप से फिनाइल भी तैयार की जाती है। इसके उपयोग के लिए शासकीय कार्यालय/ अस्पताल को प्रदाय करने हेतु जिला प्रशासन के सहयोग से प्रयास किये जावें। कृषि विज्ञान केंद्र आरोन में उपलब्ध जमीन पर घास उगायी जाती है, उसे रियायती दरों पर गौशालाओं को प्रदाय किया जावे। इसी प्रकार ग्राम कंचनपुरा में स्थित गौशाला के लिए आवंटित जमीन को विकसित किये जाने की भी मांग की गयी। इसी दौरान मृत गौवंश को दफनाने के लिए स्थान भी चिन्हित कराया जावे। इसी प्रकार जिले की गौशालाओं में गौवंश के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए नियमित रूप से डॉक्टर्स की विजिट कराने की कार्यवाही की जावे।
बैठक के दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत प्रथम कौशिक, उप संचालक पशु चिकित्सा आरके त्यागी, उप संचालक कृषि एके उपाध्याय सहित गौशालाओं के संचालक विशेष रूप से उपस्थित रहे।