गुना। नगर में पहली बार आयोजित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मध्य भारत प्रांत के तीन दिवसीय अधिवेशन में शिक्षा परिसरों व शिक्षा पर विस्तार से चर्चा हुई है। इस अधिवेशन में गत दिवस उक्त विषयों पर तीन प्रस्ताव भी पारित किए गए, साथ ही संगठन में विभिन्न दायित्वों की नई घोषणाएं भी की गईं जिसकी जानकारी तीन दिवसीय अधिवेशन की समाप्ति के बाद सोमबार को अपरांह में परिषद के प्रांतीय मंत्री केतन चतुर्वेदी व प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य जयदीप ओझा ने मीडिया से रुबरु होते हुए दी। इस दौरान दी गयी जानकारी के अनुसार तीन दिवसीय अधिवेशन में गत दिवस तीन प्रस्ताव पारित किए गए, जो कमी से जूझ रहे शैक्षणिक संस्थानों, विद्यार्थी जीवन व प्रदेश के वर्तमान परिदृश्य पर आधारित है, यह प्रस्ताव परिषद की ओर से सरकार को भेजे जायेंगे। इस दौरान दी गयी जानकारी के अनुसार परिषद के इस तीन दिवसीय अधिवेशन में मध्य भारत प्रांत के 18 जिलों के 869 प्रतिनिधियों ने सहभागिता की।
अधिवेशन में परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान ने परिषद की विभिन्न कार्यपद्धति पर सभी प्रतिनिधियों को मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1970 के दशक से विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने सेल टूर के माध्यम से उत्तर- पूर्वी छात्रों व जन मानस को भारतीय परंपरा एवं संस्कृति से जोड़ने का काम किया है। उन्होंने कहा कि भारत देश में जो वामपंथ के अंश रह गए हैं, उन्हें उखाड़ने का काम भी परिषद के कार्यकर्ता करेंगे। इसी तरह राष्ट्रीय कार्य समिति के विशिष्ट आमंत्रित सदस्य डॉ. निधि बहुगुणा ने विमर्श निर्माण में परिषद की भूमिका पर विशेष रुप से मार्गदर्शन दिया।