गुना। चेतना समूह द्वारा शारदीय नवरात्रिओं में आयोजित 22 वें बिशेष साधना शिविर में बोलते हुए साधना शिविर के मार्गदर्शक दिनेश अग्रवाल ने कहा कि नवरात्रियो का द्वितीय दिवस मा ब्रह्मचारिणी को समर्पित है मां ब्रह्मचारिणी, तप अर्थात परिश्रम की शक्ति का प्रतीक है, देवी ब्रह्मचारिणी की आराधना से साधक के जीवन में तप की अर्थात परिश्रम की शक्ति आती है, मां ब्रह्मचारणी संदेश देती है कि जीवन में बिना तप अर्थात परिश्रम के सफलता नहीं मिल सकती। अर्थात बिना परिश्रम के सफलता प्राप्त होना ईश्वरीय प्रबंधन के भी विरुद्ध है। अतः जीवन के किसी भी क्षेत्र में प्रगति व विकास के लिए हमे परिश्रम तो करना ही होगा और इस परिश्रम हेतु शक्ति और सामर्थ्य मा ब्रह्मचारणी हमे प्रदान करती है.नव रात्रि हमारी शक्ति और ऊर्जा के ऊर्ध्व गमन का अवसर प्रदान करती है।
चेतना साधक विकास जैन नखराली ने बताया की भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के प्रचार प्रसार में प्रयासरत समूह चेतना के विशेष साधना शिविर के दूसरे दिवस पर अपनों से अपनी बात में बोलते हुए श्री अग्रवाल ने भारतीय संस्कृति में यज्ञ की उपयोगिता और महत्व पर प्रकाश डालते हुए यज्ञ के वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक आधारों को समझाते हुए आयुर्वेदिक उपचारों से जोड़ा।