गुना। कांग्रेस ने 25 जून 1975 को देश पर आपातकाल थोपकर लोकतंत्र व संविधान की हत्या की थी। भारतीय जनता पार्टी द्वारा मंगलवार 25 जून को आपातकाल की 50 वीं बरसी को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाया गया । यह आवश्यक है, कि इमरजेंसी के रूप में प्रजातंत्र का गला घोंटने का जो कुत्सित प्रयास हुआ था, देश का प्रत्येक नागरिक उसे जान सके उक्त बात भाजपा जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह सिकरवार ने आपात काल पर आयोजित विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए कही।
विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता प्रदेश कार्यकारणी सदस्य अरुण चतुर्वेदी ने संबोधित करते हुए कहा की देश में 25 जून, 1975 को आपातकाल घोषित किया गया था और यह 21 मार्च, 1977 तक जारी रहा। आपातकाल में गिरफ्तारी पर कोर्ट नहीं जा सकते थे। इंदिरा गांधी ने नो वकील, नो अपील, नो दलील का रवैया अपनाया। आपातकाल में अत्याचार की पराकाष्ठा हो गई लाखों निर्दोष लोगों को जेलों में डाला गया। जिनको जेलों में डाला गया लोग उनके परिजनों से मिलने में भी घबराते थे उनके परिजनों से मित्र बंधु चोरी छिपे उनके घर जाकर परिजनों को हिम्मत देते थे इतना भय था आपात काल का।