गुना / पुलिस अधीक्षक गुना संजीव कुमार सिंहा द्वारासोमबार को पुलिस कंट्रोल रूम स्थित सभागार में जिले में अपराध समीक्षा मीटिंग ली गई, जिसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मान सिंह ठाकुर सहित पुलिस के राजपत्रित अधिकारी, थाना व चौकी प्रभारीगण मौजूद रहे । मीटिंग में पुलिस अधीक्षक द्वारा सभी थाना व चौकी प्रभारियों से बारी-बारी उनके थाने/चौकी के लंबित गंभीर अपराधों, संपत्ति संबंधी अपराधों, लंबित माल, लंबित चालान, लंबित गुम इंसान, लंबित मर्ग, लघु अधिनियम जैसे एनडीपीएस एक्ट, आर्म्स एक्ट, आबकारी एक्ट, जुआ, सट्टा आदि, प्रतिबंधात्मक कार्यवाही, एससी/एसटी एक्ट के लंबित अपराध व लंबित राहत प्रकरणों, सीएम हेल्पलाईन की शिकायतों, वारंट तामीली, सहित अन्य चर्चा योग्य मुद्दों आदि विषयों की जानकारी लेकर इन पर विस्तार से चर्चा की गई ।
मीटिंग में पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिंहा द्वारा सभी अधिकारियों, थाना, चौकी प्रभारियों को निम्नानुसार बिन्दुओं पर अक्षरश: पालन करने के निर्देश भी दिये गये हैं :-
1. कानून व्यवस्था को प्रभावित करने वाले आसामाजिक व आपराधिक तत्वों को चिन्हित कर उनके विरूद्व प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जावे ।
2. गंभीर अपराधों को संवेदनशीलता से लेकर इन अपराधों का त्वरित निराकरण करें एवं इस प्रकार के अपराधों को अनावश्यक लंबित न रखें जावें ।
3. संपत्ति संबंधी अपराधों में सघनता पूर्वक कार्यवाही कर इनका शीघ्रता से निराकरण किया जावे ।
4. थानों पर लंबित माल, लंबित चालान, लंबित गुम इंसान, लंबित मर्ग आदि का तत्परता से निराकरण करें ।
5. किसी भी प्रकार की अवैध अथवा अनैतिक गतिविधि जैसे जुआ, सट्टा, अवैध शराब, अवैध मादक पदार्थों के बिक्रय पर पूर्णतः अंकुश लगाया जावे ।
6. सीएम हेल्पलाईन सहित सभी प्रकार की शिकायतों का समय सीमा में निराकरण किया जावे ।
7. एससी/एसटी एक्ट के लंबित अपराधों व लंबित राहत प्रकरणों का शीघ्रता से निराकरण किया जावे ।
8. विभिन्न न्यायालयों से जारी स्थाई, गिरफ्तारी वारंटों की अधिक से अधिक संख्या में तामीली कराई जावे ।
9. यातायात व्यवस्था दुरूस्त रखें एवं यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती से कार्यवाही की जावे ।
10. थाना प्रभारी एवं चैकी प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र में रात्रि गश्त को प्रभावी रूप से करया जाना सुनिश्चित करें ।
11. सीएसपी/एसडीओपी अपने-अपने अनुविभाग के थानों की नियमित रूप से समीक्षा करते रहें ।
12. सीएसपी/एसडीओपी अपने-अपने पास लंबित विभागीय जांच पूर्ण कर शीघ्रता से भिजवायें ।
13. सायबर फ्रॉड जैसे अपराधों से बचाव व इनके प्रति लोगों में जागरूकता हेतु ग्राम/मोहल्ला स्तर पर शिविर लगाकर सायबर अपराधों के प्रति जागरुक करें ।
14. एक्सीडेंट के प्रकरणों में पीडित परिवार को क्षतिपूर्ति/मुआवजा राशि समय सीमा दिलवाये जाने हेतु I.R.A.D. प्रक्रिया का सख्ती से पालन करें ।