गुना / सिविल सर्जन गुना ने बताया कि जिला चिकित्सालय में दिनांक 13 जून 2024 को शाम 7.30 बजे मेटरनिटी वार्ड में मरीज सोनम पति हेमंत केवर निवासी बरसाल राघोगढ़ को परिजनों द्वारा अचेत अवस्था में, झटकों की बीमारी (एक्लेमसिया) के कारण भर्ती हुई जो कि 7.5 माह की गर्भवती थी। बेहोशी की हालत में हुई उल्टियों एवं झटकों के कारण महिला एक्सीपेरेट भी कर गई थी जिसके कारण उसका ऑक्सीजन मात्र 60-62% ही रह गया था।
महिला को तत्काल डॉ. अनमोल वाधवानी ने देखा एवं डॉ. महेन्द्र किरार ने तुरंत सांस की नली डाल दी एवं तुरंत महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. आभा शर्मा को सूचित किया गया एवं डॉ. द्वारा मेरीक प्रसूता की स्थिती को देखते हुये तुरंत ऑपरेशन करने की सलाह दी गई जिससे कि प्रसूता एवं बच्चे की जान को बचाया जा सके। आमतौर पर ऐसी स्थिती में माँ या बच्चा दोनों में से किसी भी एक को बचाना बहुत ही मुश्किल होता है, परिस्थिती को तुरंत भांपते हुये सिविल सर्जन एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी द्वारा टीम गठित की गई एवं सभी प्रकार के सहयोग भरोसा दिलाया |
मरीज के परिजनो को हरसंभव खतरे को बताकर एवं उनकी पूर्ण सहमति के बाद तुरंत प्रसूता को अंबु बस सपोर्ट पर ओटी में शिफ्ट किया गया | ऑपरेशन मेडिसिन चिकित्सक डॉ. राहुल रघुवंशी, एनेस्थिटिस्ट डॉ. विकास राजपूत, डॉ. रुचि राणा की निगरानी में डॉ. आभा शर्मा द्वारा किया गया जिसके दौरान प्रसूता ने 1.8 किलोग्राम की बच्ची को जन्म दिया। एवं प्रसूता एवं बच्ची की जान बच सकी ।
बच्ची को एनआईसीयू में शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. अजय गुप्ता की निगरानी में रखा गया है। ऑपरेशन के बाद कुछ समय के लिये महिला वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया।इस टीम में उपरोक्त डॉक्टर के अलावा ओटी स्टाफ दिव्या, पूजा लेबर रूम स्टाफ बबीता, रीना, ज्योतिदेवी, सपना, गायत्री, ममता, वार्ड बॉय मोहर बाई, नईम, प्रदीप का सराहनीय योगदान रहा ।
इस प्रकार का इमरजेंसी ऑपरेशन जिला चिकित्सालय गुना में पहली बार हुआ है, सफल ऑपरेशन के लिए सिविल सर्जन डॉ, आर.एस. भाटी एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजकुमार ऋषिश्वर ने उक्त टीम को बधाई दी ।