गुना /कैंट पुलिस ने बीती रात जिले से निर्वासित एक जिलाबदर अपराधी को गिरफ्तार किया जिससे केंट थाना अंतर्गत हुई 08 चोरियों का खुलाशा हुआ है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आदतन आरोपी राणा पुत्र वृजमोहन रजक उम्र 24 साल निवासी नई वस्ती कुश्मौदा गुना की आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाये जाने हेतु गुना जिला दंडाधिकारी द्वारा दिनांक 01 अप्रैल 2024 को एक वर्ष के लिये जिला बदर किया गया था, लेकिन जिसके अपनी जिलाबदर अवधि में भी गुना वायपास स्थित रेलवे ओव्हर ब्रिज के नीचे घूमता पाये जाने पर केंट थाना पुलिस द्वारा उसे गिरफ्तार कर जिसके विरूद्ध केंट अप.क्र. 552/24, राज्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 14 के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया है । आरोपी राणा रजक का आपराधिक इतिहास रहा है, जिसके विरूद्ध केंट थाने में चोरी, डकैती की तैयारी, मारपीट, अवैध शराब आदि के कुल 21 प्रकरण दर्ज होना पाये गये हैं ।
उल्लेखनीय है कि आरोपी राणा राजक के विरूद्ध केंट थाने में दर्ज चोरी के अपराध क्रमांक 803/23 धारा 457, 380, 511, 323, 34 भादवि में आरोपी राणा रजक फरार चल रहा था, चोरी के उक्त प्रकरण में भी आरोपी की गिरफ्तारी की कार्यवाही की गई एवं जिससे चोरी के अन्य प्रकरणों में पूछताछ करने पर उसके द्वारा केंट थाना क्षेत्र में चोरी की 07 और घटनाएं करना बताया, इन घटनाओं को लेकर केंट थाने में क्रमश: 1-अप.क्र. 646/23 धारा 457, 380 भादवि, 1046/23 धारा 457, 380 भादवि, 3-77/24 धारा 457, 380 भादवि, 4-134/24 धारा 457, 380 भादवि, 5-153/24 धारा 457, 380 भादवि, 6-217/24 धारा 457, 380 भादवि एवं 07-489/24 धारा 457, 380भादवि के अपराध दर्ज किये गये थे, चोरी की इन घटनाओं में आरोपी राणा रजक के कब्जे से कुल 4000 हजार नगदी, चांदी की चार जोड़ पायलें, चांदी की दो जोड़ बिछुड़ी, दो गैस सिलेण्डर, एक एलईडी टीव्ही, एक गैस चूल्हा,एक पंखा, एक मिक्सी, एक कुकर व अन्य उपयोगी बर्तन, एक होम थियेटर, राजश्री गुटखा व सिगरेट के दो-दो पैकिट, 07 बैटरियों का भीतरी मटेरियल आदि सामान बरामद कर चोरी के उक्त सातों अपराधों में भी आरोपी राणा रजक को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया है ।
केंट थाना पुलिस की इस कार्यवाही में थाना प्रभारी निरीक्षक दिलीप राजौरिया, उपनिरीक्षक जगदीश जाटव, प्रधान आरक्षक महेन्द्र बैस, प्रधान आरक्षक राहुल भदौरिया, आरक्षक धर्मेन्द्र रघुवंशी, आरक्षक अर्जुन यादव, आरक्षक भानु रघुवंशी, आरक्षक जितेन्द्र वर्मा, आरक्षक माखन चौधरी, आरक्षक देवेन्द्र धाकरे, आरक्षक मनमोहन सिंह, आरक्षक राजीव सेन एवं सायबर सेल से आरक्षक कुलदीप भदौरिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही है ।