गुना /शहर के नानाखेड़ी मार्ग पर स्टेट लाईट बन्द रहने से अंधेरा पसरा हुआ है बंही सड़क निर्माण कार्य के चलते गहरे गड्ढे राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बने हुए है इन सबके बीच हैरानी की बात यह है की सड़क निर्माण एजेंसी द्वारा नियम कायदों को ताक पर रखते हुए निर्माण कार्य जारी रखा हुआ है रात के अंधेरे में लाईट के नही होने से दुघर्टना होने का अंदेशा और अधिक बढ़ जाता है इस और ध्यान नहीं दिया जाता है तो कभी भी कोई बडी दुघर्टना इस रास्ते पर हो सकती है इससे इंकार नही किया जा सकता ।
सैकडो पेड़ सड़क निर्माण की जद में आ जायेगे
नानाखेड़ी से लेकर 2 खंभा और मारुति शोरूम से लेकर चिंताहरण मंदिर तक बनाई जा रही सड़क के दोनो ओर सैकडो पेड़ सड़क निर्माण की भेट चढ़ जायेगे यदि गुना प्रशासन पेड़ सिफटिंग तकनीक का इस्तेमाल करे तो सैकडो पेड़ कटने से न केवल बच जायेगे बल्की वर्षो पुराने छायादार पेड़ को एक नया जीवन दान मिल जाएगा।
महानगरों में शिफ्टिंग तकनीक से बचाया गया है कई पेड़ो को
एक अनुमान के मुताबिक महानगरों में इस तकनीक का इस्तेमाल करके अब तक हजारों पेड़ों को बचाया जा चुका है गुना में भी पेड़ शिफ्टिंग तकनीक का इस्तेमाल कर पेड़ो को बचाया जा सकता है डिपेंड करता है की इसमें ज़िम्मेदार कितनी इच्छा शक्ति दिखाते है ।
5 से 15 साल लग जाते है पौधे को वृक्ष बनने में
फलों के पेड़ों को बीज से उगाने के लिए पर्याप्त रूप से परिपक्व होने में अक्सर 5-15 साल लगते हैं। कई पेड़ों को दस साल की वृद्धि में “परिपक्व” माना जाता है।