पक्षकारों को राजीनामा हेतु प्रेरित करना न्याय अधिकारियों व अधिवक्ताओं का दायित्व- प्रधान जिला न्यायाधीश श्री राजपूत
गुना / राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं म0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार ‘‘ बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’’ की अवधारणा पर माननीय उच्च न्यायालय एवं शासन द्वारा दिनांक 11 मई, 2024 शनिवार को जिला गुना एवं सिविल न्यायालय चांचौडा/राघौगढ़/आरोन में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। उक्त नेशनल लोक अदालत में 28 खंडपीठों ने 904 मामलों का राजीनामे में आपसी समझौते के आधार पर निराकरण कराया जाकर 4 करोड़ 97 लाख 15 हजार 883/- की राशि के अवार्ड पारित किये तथा 1529 व्यक्तियों को लाभांवित कराया। निराकृत किये गये मामलों में न्यायालयों में लंबित 385 मामलों में 4 करोड़ 10 लाख 20 हजार 723/-की राशि के अवॉर्ड पारित हुये तथा बैंक, नगरपालिका, विद्युत व बी.एस.एन.एल. के 519 पूर्ववाद प्रकरणों में 86 लाख 95 हजार 160/- की राशि लोक अदालत के माध्यम से वसूल की गयी।
इससे पूर्व नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ प्रातः 10ः30 बजे ए.डी.आर सेंटर गुना के सभागार में प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गुना श्री वीरेन्द्र सिंह राजपूत ने मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन कर किया। इस अवसर पर श्री राजपूत द्वारा व्यक्त किया गया कि नेशनल लोक अदालत में मामलों का निराकरण आपसी समझौते व राजीनामा से होने के कारण पक्षकारों में प्रेम व सौहार्द्र बना रहता है तथा लोक अदालत में मामले के निराकरण से किसी भी पक्ष की हार न होकर दोनों पक्षों की जीत होती है जिससे एक अच्छा वातावरण बना रहता है। पक्षकारों को राजीनामा से मामलों का निराकरण कराने हेतु प्रेरित करना न्यायिक अधिकारियों व अधिवक्ताओं का दायित्व है। इस अवसर पर विशेष न्यायाधीश श्री रविन्द्र कुमार भद्रसेन, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्री शरद भामकर, जिला न्यायाधीश/सचिव श्री रवीन्द्र प्रताप सिंह चुण्डावत, समस्त जिला न्यायाधीश, अध्यक्ष अधिवक्ता संघ श्री अरविंद रघुवंशी, मुख्य न्यायिक मजिस्टे्ट श्री भारत सिंह कनेल सहित समस्त न्यायिक मजिस्टे्ट, जिला विधिक सहातया अधिकारी सुश्री विभूति तिवारी, समस्त लीगल एड डिफेंस काउंसिल, अधिवक्तागण, बैंक, विघुत, नगरपालिका के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।