गुना / धरनावदा थाना क्षेत्र अंतर्गत हत्या की घटना सामने आई है जिसमें एक युवक ने प्रेमिका की हत्या कर दी। प्रेमी ने उसे खंडहर में मिलने बुलाया था। यहां जबरन दुष्कर्म किया। जब प्रेमिका ने यह बात परिवार वालों को बताने की बात कही तो प्रेमी ने उसी के कपड़ों से ही उसका गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद शव कंडों में छिपा दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनांक 24 अप्रैल 2024 को फरियादिया पीडिता की मां द्वारा धरनावदा थाने की झागर चौकी पर अपनी 19 वर्षीय बेटी के दिनांक 22 अप्रैल 2024 से बिना बताये घर से कहीं चले की सूचना दी गई थी, जिस पर से थाने में गुमशुदगी दर्ज कर पुलिस द्वारा जांच की गई । जांच के दौरान दिनांक 28 अप्रैल को को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो पुलिस के सामने सारा राज उगल दिया, जिसने बताया कि उसके युवती से प्रेम संबंध थे और वह उससे शादी करना चाहता था, दिनांक 22 अप्रैल को जब युवती अपने घर पर अकेली थी, तब उसने युबती को घर से बुलाया और घर के पास ही बने एक खण्डरनुमा मकान के एक कच्चे कमरे में ले गया, उस कमरे के आधे हिस्से में कंडे भरे हुए थे, जहां पर उसने युवती के मना करने पर भी उसके साथ जबरदस्ती गलत काम किया एवं गांव के कुछ लड़कों के साथ युबती के फोटो उसने मोबाईल में देखे थे, जिससे उसने युवती से कहा कि वह अन्य लड़कों से मिलना-जुलना न करा करे, तब युवती ने उससे बोला कि वह शादी तो मुझसे ही करेगी लेकिन अन्य लड़कों से मिलना-जुलना बंद नहीं करेगी तो उसकी इस बात पर उसे गुस्सा आ गया और उसने पास ही में पड़ी लेगी से युवती का गला दबाकर हत्या कर दी एवं उसकी लाश व कपड़ों को वहीं कंडों में छिपाकर वहां से भाग गया । इसके बाद पुलिस द्वारा आरोपी के बताये खण्डरनुमा घर में बने कच्चे कमरे से गुमशुदा की लाश बरामद कर लाश को पी.एम. हेतु भिजवाया गया और इस घटना को लेकर आरोपी के विरूद्ध धरनावदा थाने में अप.क्र. 147/24 धारा 376, 302, 201 भादवि के तहत अपराध दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया एवं जिसे आज माननीय न्यायालय पेश किया गया जहां से उसे पांच दिन के लिये पुलिस रिमाण्ड पर भेज दिया है ।
धरनावदा थाना पुलिस की उस उल्लेखनीय कार्यवाही में थाना प्रभारी उपनिरीक्षक राजेन्द्र सिंह चौहान, झागर चौकी प्रभारी सउनि संतोष तिवारी, सउनि शिवनंदन सिंह भदौरिया, सउनि धर्मेन्द्र सिंह सेंगर, प्रधान आरक्षक दीपक तोमर, प्रधान आरक्षक राजेश शुक्ला, आरक्षक राघवेन्द्र बुन्देला, आरक्षक रघुकुल मिश्रा एवं आरक्षक चालक सुदर रमन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है ।